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Wednesday, January 29, 2014

After a long time ---in my own words


Terrible pain in the neck ...and it was me who was taking in from 1st of Dec 2013...slight fever..slight swelling in the neck on left side...was awaiting for one of the life time preparation in Pune the next week...

Rushed to the docter asked for some medicines...and went to Pune...
Afte 2 days back to bangalore after the cold from Pune....It was week two...my attire dosing still with fever and shivering...went to the same docter again...he saw something and his eye and eybrow showed me something to worry, since he reffered me to any ENT specialist...

Oooppps....then came the ENT surgeon from St Johns hospital, one of the reputed and topmost hospital docter in Bangalore...


My body still hoping to see some improvement after the medication...but it didnt happen....
After 7 days, condition becomes more week...now there was lot of worry, as my scalp hairs started drying....medicines high dose used to make my body very cold and sweaty...used to go to office everyday, struggle to sleep...and sleepless night continued for another two weeks...finally the most deadfull day, when the docter said, I need to open your neck, and would the thought itself killed me, as I was very very disturbed and deprssed ...

No signs for solution, someone said go for some other docter....and I strictly followed..I was not aware that the disease was spreading each day, and was deteriorating me and my willpower everday...
No signs of improvement still with the new docter....and simply crossed 4 weeks...Pain was unbearable in the neck and called for a final decision for a Neck surgery...Oooffff here I was...hating Needles and scissor and cuts....


Last Night 13th Jan 2014, was the last nite i realised and thought that my hometown Nagpur will have somebody to cure me...
Flying to Nagpur on 14th Jan...with little hope that new docter will understand study my reports starts with his own medication.......uffff every second was counting to see the new docter...
and here comes ......the Docter -Nandu Kolwadkar from Wochardts hospital..it is suppose to be one of the biggest and renowed hospital in Nagpur....
With high hopes we discussed and Dr. Nandu, within no time decided for the neck surgery...the same day at 3PM.


The test started before the operation, I couldnt realise the pain, as the much awaited pain was kept for surgery...
Its horrifying to enter into the operation theatre...with many docters seen in green overcoats...and finally was on the operation table...with the magnified lights on me...was getting scared for what next...didnt had the courage even to look around the operation theatre as it was so scary...a diffrent world...uffff !!
.....remebering Hanuman Chalisa
remembering all wonderfull moments ln life...My eys closed for how long dont know...


Tons of sound in my ear knocked..Neetu ...Neetu.... Neetu...
and when I opened my eyes..could feel the teriible pain in my neck, and all i realised that the surgery was done...

Hey Ram !! Finally I see myself with a deep cut on my neck...but the pain ..fever ...vanished completely...

Thanks Docter Nandu...You are a life saver ...!!

Very eager now to know on Neck abscess ?? wat is that..so if you such experience is surgery the only solution ??

 

Saturday, December 22, 2012

Delhi Gang Rape -- 'Hang criminals to death '

So true what Farhan Akhtar has written post the Delhi Gang rape case about the status of this incredible India and the gender bias. We all need to ask this to ourself, before we ask anybody else or system. We r the system end of it:

 What is the country that I live in ?

 With no equality
And the quality of life
Differs from husband to wife
... Boy to girl,brother to sister
Hey mister,are you the same?
Contributing to the national shame
Replacing your mothers
With the bent ideology of another's
perception that women have a particular role in society
Fills my heart with anxiety where is all of this going?
What will emerge from these seeds that we're sowing?
It makes my head spin But I'm not giving in
Will keep asking the question what is this country that I live in?
What is this country that I live in?
That takes away her right to love
Brutalizes her with an iron glove
Rapes her without fear of there being justice for her tear
We've demeaned our Goddesses
Gone back on all our promises
Become a gender distorted nation
Given our conscience a permanent vacation
What do I tell my daughter?
That she's growing up to be a lamb for the slaughter
We've got to make a change
Reboot,reformat­,rearrange and never give in...
No matter how much your head may spin
Just keep asking the question

 

 What is this country that I live in??

Saturday, December 1, 2012

पहले प्रायोजित गरीबी फिर धर्म परिवर्तन : कांग्रेस की अभाव-नीति – हिंदुत्व विनाश की एक लंबी योजना


 
“भारत में एक चीज जो सच्ची है वह यह की दंगो में, बम विस्फोट में , नक्सल हमलों, मओवादियो के हमलों में सिर्फ हिंदू ही मरते हैं, इसका दूर गामी परिणाम यह है भारत में हिन्दुओ की संख्या कम होती जा रही है.

 
भारत में गरीबी है नहीं इसे जबरदस्ती प्रायोजित तरीके से लाया गया है और कायम किया गया है, भारत में कोई भी व्यक्ति हराम की नहीं खाना चाहता है परन्तु गली गली में शराब की दूकान बनाकर विवेक हरण की योजना बनाकर परिवारों को जलील कराकर उन्हें अपनी गरीबी का एक ही हल “ईसाई बनने” में दिखाई देने के लिए बाध्य कर दिया है. यह ईसाई वर्ग एक स्थाई वोट बैंक भी बन जा रहा है जो कभी हिंदू संगठनो वोट नहीं देगा. इसी कारन इस काम में यूरोपीय देशो से सहायता प्राप्त ईसाई मिशनरिया भी अपना खूब सहयोग दे रही है. इस पूरी चाल के पीछे सोनिया का प्रायोजित “भारत का ईसाईकारन” की दूरगामी साजिस है जिसमे भारत के बिके हुए हिंदू भी अज्ञानता से शामिल हैं और चर्च नियंत्रित मिडिया इस पर पर्दा डालने का काम कर रहा है.
 
१) आंकड़ा मिला है कोयला खदानों से निकालने वाले कोयले का ६०% कोयला बिना किसी हिसाब के बाहर जा रहा है और वहा पर चौकीदारी करने वाला पुलिस भी करोड़पति बन जा रहे हैं. एक ट्रक में ३०-३५ टन से ज्यादा कोयला जाता है और उसका रेट ४०००-५००० प्रतिटन होता है (यूपी में कोयला १००००/- रुपये टन है) यानी एक ट्रक कम से कम १,२०,०००/- का माल चोरी कर रहा है.
२) यदि एक आदिवासी परिवार को साल भर में २ ट्रक कोयले का ही कीमत मिल जाए तो वह सुखी हो जाये, वह भी मेहनत करने के बाद, लेकिन उसे जानबूझ कर गरीब रखा जाता है जिससे वह माओवादियों के चंगुल से बाहर न निकल सके, यही से असली खेल शुरू होता है. इन गरीब शोषितों की सहायता के लिए कांग्रेस ने विदेशी ईसाई मिशनरियों को लगा रखा है और माओवादी जबरन इन मिशानियो से पैसा लेकर इनका धर्म परिवर्तन कराने के बाद सुविधा देते है, यह काम दुर्र दराज के गावो में शुरू किया गया था जो अब सबके सामने आ चुका है. ईसाई मिशानियो का कांग्रेस का नाता किसी से छुपा नहीं है और जो कोई हिंदू नेता विरोध करता है, माओवादी उसे उड़ा देते है जिसमे मिशनारियों का नाम तक नहीं आता है.
 
 ३) एक गरीब को रोटी चाहिए, वह मिशनरी उसे उपलब्ध करवा देती है, माओवादी उसे धर्म बदलने के बाद ज्यादा सुविधा दे देते है, उसे देखकर हर कोई ईसाई बनने के सोचने लगता है जिससे उसकी जिंदगी चलने लगे. माओवादी कोयले की लूट से भी हिस्सा लेते है और अधिकतर माओवादी संगठनो पर इस्साई माओवादियों का कब्ज़ा हो चुका है. यही कांग्रेस की दूरगामी परिणाम दायक चाल है..
४) कांग्रेस में हिंदू नामो वाले सोनिया मंडली के अधिकतर नेता, अधिकारी , एन जी ओ ईसाई ही है जो अपने काम को हिन्दुओ की आँख में धूल झोंककर अंजाम दे रहे हैं जो हिंदू समर्थक नेता है भी वे पैसे की लालच में चुप है, बहुत सारे कालाधन और औरत के साथ वीडियो के चक्कर में ब्लैकमेल हो रहे हैं. कोई कट्टर बनने की कोशिश् करता है तो उसे किसी क़ानूनी जाल में जेल में डाल दिया जाता है, बहुत कट्टर होने पर मौत के मुह में......
भारत जैसे सनातनी इतिहास वाले प्राकृतिक संपदा से भरपुर देश से हिन्दुओ की संख्या घटते जाना हिन्दुओ के लिए चिंता का विषय है क्योकि भारत ही एक मात्र हिंदू बाहुल्य देश है, इससे इनकी सुरक्षा जुडी हुई है और हिन्दुओ के लिए दूसरे नंबर का खतरा “इस्लाम” भी अपने तालिबानी संस्करण में भारत में एक बड़ी योजना के साथ क्रियाशील है परन्तु भारत की मिडिया सिर्फ हिंदू संगठनों को सबसे बड़ा खतरा बताने में व्यस्त है जिसकी वजह से “सेकुलर” शब्द हिन्दुओ के लिए विनाश का हथियार बनता जा रहा है.
 
हिन्दुओ के कोई भी देवी देवता बिना अश्त्र-शश्त्र के नही है क्योकि चाणक्य ने भी कहा है अपने खतरे को टालो नहीं, उसे पहचानते ही खतम कर दो, लेकिन एक और गहरी साजिस के तहत कांग्रेस सरकार हिन्दुओ को बौद्ध साबित करने में लगी है जिससे की काहिलो की एक कायर कौम तैयार की जा सके जो बिना किसी प्रतिरोध के लिए सिर्फ मर जाने के लिए बनी हो. अंततः भारत की इस सुख के धरती पर पुरे विश्व के म्लेक्ष काबिज हो जाये.
सनातन में दुष्टों और दुश्मनों को अनिवार्य दंड का विधान है इसीलिये सिर्फ सनातनी ही बने रहिये और हाँ, भारत के भविष्य की आशा बाबा - मोदी - स्वामी को अपना समर्थन देते रहिये.
जय भारत
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आपने स्वयं और अपने परिवार के लिए सब कुछ किया, देश के लिए भी कुछ करिये,
क्या यह देश सिर्फ उन्ही लोगो का है जो सीमाओं पर मर जाते हैं??? सोचिये......

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Saturday, November 24, 2012

चिवट


एकदा एक सुतार काही मजुरांना घेऊन जंगलात फिरत होता. ते शोधत होते बांधकामासाठी काही लाकूड. चालत चालत ते एका झाडापाशी पोहोचले. समोर एक भलंमोठं झाड होतं. त्याचा बुंधा एवढा मोठा की, पाच-सहा जणांनी एकावेळी मिठी मारली तरी ते झाड कवेत येईना.

हे झाड कुठून कसं कापावं, कुणाला कळेना. पण एक तरुण मजूर म्हणाला, ‘आपण लावू सगळी ताकद पणाला, तोडूच हे झाड.’

म्हातारा अनुभवी सुतार म्हणाला, ‘असं काही नको. हे झाड फार जुनं आणि चिवट आहे. आपण पंधरा दिवस खपलो तरी काही झाड तोडता येणार नाही, त्यापेक्षा आपण पुढं जाऊ. दुसरं झाड पाहू.’
सगळे सुताराच्या मागे चालू लागले.

तेवढय़ात तो तरुण मजूर म्हणाला, ‘बघा, केवढं मोठं झाड पण काही कामाचं नाही. उपयोग शून्य त्याचा.!’

म्हातारा सुतार थांबला आणि म्हणाला, ‘तसं नाही रे बाबा, असा घाईत निष्कर्ष काढू नको. हे झाड स्वत:शी प्रामाणिक आहे म्हणून ते इतकी वर्षे झाली टिकून आहे, ते जर इतरांसारखंच असतं तर एव्हाना आपण ते सहज कापलंही असतं. पण त्यानं वय वाढलं तरी आपला चिवटपणा सोडला नाही. उलट वाढवला. म्हणून तर इतकं मोठं होऊनही ते जिवंत आहे, बिशाद नाही आपली त्याच्यावर कुर्‍हाड चालवायची. त्याचं कारण काय, तर इतरांपेक्षा ठाम उभं राहण्याची ताकद त्यानं कायम ठेवली. ती आहे म्हणून हे झाड जगतंय, नाहीतर केव्हाच मरून गेलं असतं इतरांसारखं. तेव्हा लक्षात ठेव, लोक आपल्यावर कुर्‍हाड चालवतात म्हणून दोष द्यायचा नसतो. आपण किती ठाम आणि चिवट आहोत यावर त्या कुर्‍हाडी चालतात की मोडून पडतात हे ठरत असतं.!’

Tuesday, March 27, 2012

Maggi is very dangerous




Many of us can't live without " Maggi " especially when one is away from home, in a foreign land. Here is a piece of information to share so that we can remove the potential health hazard of consuming Maggi.
Maybe you should print this e-mail to keep as a reminder, pin it up in the kitchen or dining room as reminder or in your purse if you are always travelling.
DO NOT IGNORE THIS ...

Especially those fond of Maggi...



CORRECT WAY OF COOKING NOODLES'
The correct way to cook instant noodles without harming our bodies and health:

Normally, how we cook the instant noodles is to put the noodles into a pot with water, throw in the powder and let it cook for around 3 minutes and then it's ready to eat.

This is the WRONG method of cooking the instant noodles.

By doing this, when we actually boil the ingredients in the powder,normally with MSG, it will change the molecular structure of the MSG, causing it to be toxic.

The other thing that you may or may not realize is that, the noodles are coated with wax and it will take around 4 to 5 days for the body to excrete the wax after you have eaten the noodles.



CORRECT METHOD:


1. Boil the noodles in a pot of water.

2. Once the noodles are cooked, take out the noodles, and throw away the water which contains wax.

3. Boil another pot of water, add the cooked noodles into the hot boiling water and then turn off the stove.

4. Only at this stage when the stove is off, and while the water is very hot, add the flavouring powder into the water, to make noodle soup.

5. However, if you need dry noodles, remove the noodles and add the flavouring powder and toss it to get dry noodles.



Dietician's Note:



If you buy plain hakka noodles which you make, you initially need to boil in water and discard the water. This will soften the noodles but to prevent it from sticking we need to add a tbsp of oil and also the noodles are deep fried partially to make them crunchy and then dusted with flour to prevent them from sticking while boiling. Hence when you buy the noodles they are already made unhealthy and this is the type we use to make stir fry noodles and the regular Maggie too is made the same way, plus they add MSG / Ajinomoto and other chemical preservatives.

A large number of patients with ages ranging from 18-24 yearsare ending up withpancreatitis either as a swelling or infection of the pancreas due to regular consumption of instant noodles... If the frequency is more than 3 times a week, then it is very hazardous...

Thursday, March 8, 2012

http and https ??

Don't know how many are aware of this difference, but worth sending to any that do not. What is the difference between http and https?




FIRST, MANY PEOPLE ARE UNAWARE OF The main difference between http:// and https:// is It's all about keeping you secure. HTTP stands for Hyper Text Transport Protocol, which is just a fancy way of saying it's a protocol (a language, in a manner of speaking). For information to be passed back and forth between web servers and clients. The important thing is the letter S which makes the difference between HTTP and HTTPS.




The S (big surprise) stands for "Secure". If you visit a website or webpage, and look at the address in the web browser, it will likely begin with the following: http://.

This means that the website is talking to your browser using the regular 'unsecure' language. In other words, it is possible for someone to "eavesdrop" on your computer's conversation with the website. If you fill out a form on the website, someone might see the information you send to that site.




This is why you never ever enter your credit card number in an http website! But if the web address begins with https://, that basically means your computer is talking to the website in a secure code that no one can eavesdrop on.







You understand why this is so important, right? If a website ever asks you to enter your credit card information, you should automatically look to see if the web address begins with https://.






If it doesn't, there's no way you're going to enter sensitive information like a credit card number. PASS IT ON (You may save someone a lot of grief): http://en.wikipedia .org/wiki/ Https

Saturday, March 3, 2012

Have you set your goals in life ?

Goals,
........................... aspirations,
...............................................desires -



We might have different words for the things we want to achieve, but no matter what we call them, if we don't take concrete steps to achieve them, we might as well call them dreams.




Here is an example list that can help you get a better idea of what your own goals might be:






Buy a car worth Rs. 12 lakhs in 5 years


Buy a property as an investment worth Rs. 50 lakhs in 8 years (funded partly by loan)


Take international family holiday to Spain for 1 week in December this year, worth Rs. 4 lakhs.


Send daughter to university at her age 21 for post graduation, worth Rs. 40 lakhs


Fund daughter's wedding for Rs. 15 lakhs, at her age 25


Retire early, by the age of 50, earning Rs. 1 lakh per month from my investments.